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Rishikesh Top Places in Ram Jhula to Laxman Jhula

Rishikesh Top Places in Ram Jhula to Laxman Jhula

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Ram Jhula Rishikesh
राम झूला उत्तराखंड में स्थित है राम झूला पुल ऋषिकेश के प्रतिष्ठित स्थानों में से एक है राम झूला गंगा नदी के ऊपर बना हुआ है जो टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल को आपस में जोड़ता है| इस पुल की लम्बाई 450 फिट के आस पास है यह पुल स्वर्गाश्रम और मुनि की रेती दोनों नगरों को आपस में जोड़ने का काम करता है|
अगर आप राम झूला घूमने आना चाहते है तो आप यहाँ के प्राकृतिक वातावरण का भरपूर आनंद ले सकते है| राम झूला के दोनों तरफ गंगा किनारे सुन्दर घाट है| जिसमे आप स्नान भी कर सकते हों राम झूला दोनों तरफ से सुन्दर पहाड़ियों से घिरा हुआ है|

यहाँ पर आकर पहाड़ो की सुंदरता को देखकर मन को अत्यधिक शान्ति मिलती है प्रकृति के शुद्ध वातावरण में शरीर में नई स्पूर्ति सी आजाती है| इसके साथ साथ अगर आपको ध्यान करना पसंद है तो गंगा किनारे कही पर भी गंगा घाट पर बैठकर आप ध्यान लगा सकते हो| जब माँ गंगा कल कल छल छल की आवाज करते हुए पर्वतों के बिच से गुजरती है और पंछियों की चहचकाने की आवाज के साथ जब हवा मंद मंद गति से सीतलता प्रदान करती है तो नव जीवन सा प्रतीत होता है|

उसके साथ साथ अगर आप गंगा नदी में नाव का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो लक्ष्मण झूला के पास और राम झूला के पास नाव यात्रियों के लिए लगी रहती है आप नाव द्वारा भी कम कीमत में गंगा जी में भ्रमण कर सकते हैं दोनों पहाड़ियों के बीच जब नाव गंगा नदी में चलती है तो प्राकृतिक सौंदर्य को देखने का आनंद प्राप्त होता है|

राम झूला के दोनों तरफ बहुत सुंदर मार्केट है इन मार्केट ओं में बहुत सुंदर और खूबसूरत चीजें आपको देखने को मिलेंगी इसके साथ-साथ आप अपने घर की सजावट के लिए यहां से अपनी पसंद की कुछ खूबसूरत चीजों को आप खरीद कर ले जा सकते हैं|राम झूला और उसके आसपास के क्षेत्रों के बारे में आपको विस्तार से बताएं| इससे पहले एक नजर राम झूला के इतिहास पर डालते हैं

राम झूला का इतिहास

Rishikesh Top Places in Ram Jhula to Laxman Jhula
राम झूला 
राम झूला ऋषिकेश में प्रसिद्ध स्थानों में से एक है जब राम झूला का निर्माण पहली बार प्रारंभ हुआ तो राम झूला को जुट की रस्सियों से बनाया गया था इसके साथ साथ इसमें लोगों के चलने के लिए इसे मजबूती दी गई थी उसके कुछ समय बाद सन 1986 में भारत सरकार द्वारा पीडब्ल्यूडी के माध्यम से इसका निर्माण लोहे के पुल के रूप में किया गया

 राम झूला से कुछ ही दूरी पर लक्ष्मण झूला पुल है इसमें एक पौराणिक कहानीआती है कि भगवान राम के शासनकाल में लक्ष्मण जी द्वारा 2 रस्सियों  की सहायता से वहां पर गंगा जी को पार किया था इसीलिए वहां पर लक्ष्मण झूला नाम से पुल बनाया गया राम झूला और लक्ष्मण झूला दोनों भाइयों के प्रेम को दर्शाता है|

राम झूला आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा मौसम

ऋषिकेश राम झूला लक्ष्मण झूला घूमने के लिए सबसे अच्छा मौसम फरवरी-मार्च, अप्रैल, मई- के महीनों में है क्योंकि आप इस समय घूमने के साथ साथ राफ्टिंग के द्वारा, नाव के द्वारा यहां का अच्छे से लुफ्त उठा सकते हैं जब बारिश का मौसम होता है उस समय नदियां उफान पर रहती हैं और पहाड़ों के खिसकने का डर भी बना रहता इसलिए सबसे अच्छा मौसम फरवरी से मई तक है|वैसे तो पूरे साल भर यहां यात्री आते रहते हैं और यहां यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशालाएं आश्रम बहुत हैं|

राम झूला के आसपास कुछ प्रमुख स्थल

परमार्थ निकेतन आश्रम 

परमार्थ आश्रम ऋषिकेश में सबसे बड़ा आश्रम है इसमें 1000 से भी ज्यादा कमरे हैं इस आश्रम में प्रतिदिन पूजा पाठ के साथ-साथ योग ध्यान सत्संग भजन कीर्तन और शाम के समय गंगा आरती होती है परमार्थ आश्रम में प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद चिकित्सा  के साथ-साथ आयुर्वेद का प्रशिक्षण भी दिया जाता है परमार्थ आश्रम में भगवान शिव शंकर की  14 फुट ऊंची प्रतिमा है यह आश्रम बहुत ही सुंदर एवं प्राकृतिक रूप से अपनी सुंदरता को प्रदर्शित करता है

गीता भवन आश्रम

अगर आप गीता भवन घूमने जाते हैं तो आप वहां पर भगवान राम के सुंदर चित्र देखने को मिलेंगे इसके साथ-साथ महाभारत से जुड़े चित्रों का भी आपको देखने का सुंदर अनुभव प्राप्त  होगा यह चित्रण इस आश्रम की शोभा को बढ़ा देते हैं यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते रहते हैं गंगा नदी के तट से जुड़े होने के कारण लोग यहां पर गंगा स्नान भी करते हैं गीता भवन की एक विशेषता यह भी है कि यात्री यहां निशुल्क रह सकते हैं|

गीता भवन उन पर्यटकों के लिए बहुत सुंदर है जिनके पास ज्यादा धन नहीं है या वह  अधिक पैसे देकर होटलों मैं रह सके गीता भवन उन यात्रियों को एवं भक्तों को ठहरने की व्यवस्था देता है ताकि वह गीता भवन में कुछ दिन ठहर कर यहां की आसपास के प्रमुख स्थानों का दर्शन कर सकें

बीटल्स आश्रम | चौरासी कुटिया | महर्षि महेश योगी आश्रम

 चौरासी कुटिया ऋषिकेश से गंगा की दूसरी तरफ स्थित है ऋषिकेश से पहले आपको राम झूला जाना होगा राम झूला  स्वर्ग आश्रम से चीला  की तरफ जाने पर आप परमार्थ निकेतन पहुंचेंगे परमार्थ निकेतन से वानप्रस्थ आश्रम की ओर आपको जाना होगा उसके बाद वेद निकेतन आश्रम आएगा वेद निकेतन आश्रम से थोड़ी दूर जंगल की ओर चलने पर आपको चौरासी कुटिया दिखाई देगा चौरासी कुटिया चारों तरफ से जंगल से घिरा हुआ है

चौरासी कुटिया योग ध्यान के लिए जाना जाता है यहां पर जितनी कुटिया में बनी हुई हैं सभी ध्यान करने के लिए बनाई गई हैं इन कुटियाओ  को इस तरह से बनाया गया है कि आप इसमें आराम से बैठ कर ध्यान साधना एवं आध्यात्मिक चिंतन कर सकते हैं

 चौरासी कुटिया राजाजी नेशनल पार्क के अंदर आती है यहां पर लगभग 100 कुटिया बनी हुई हैं चौरासी कुटिया की स्थापना सन 1960 में महर्षि महेश योगी जी द्वारा की गई आज के समय में है यह कुटिया खंडहर के रूप में परिवर्तित हो चुकी हैं चौरासी कुटिया में प्रवेश करने से पहले आपको  ₹150 का शुल्क देना होगा यह शुल्क विदेशी पर्यटकों के लिए ₹600 है वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹75 तथा छात्रों के लिए ₹40 है

 यह भाग राजाजी नेशनल पार्क के अंदर आने के कारण इसमें आपको जंगली जानवर देखने को मिल सकते हैं अगर आप पूरे आश्रम का भ्रमण करेंगे तो आपको 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है

भूतनाथ मंदिर

भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश में राम झूला से थोड़ी दूरी पर स्थित है भूतनाथ मंदिर की विशेषता यह है कि यहां के धार्मिक कथाओं में वर्णन मिलता है कि भगवान शिव की का जब विवाह हुआ था तो उस समय भगवान शिव की बारात भूतनाथ मंदिर में रुकी थी  इस मंदिर को इसकी सुंदरता और बिल्कुल अलग तरीके से बनाए जाने के कारण यह मंदिर विशेष चर्चा में रहती है यह मंदिर पहाड़ पर स्थित है|

भूतनाथ मंदिर की भौगोलिक स्थिति एवं संरचना

ऋषिकेश से गंगा के दूसरी तरफ पौड़ी गढ़वाल जिला उत्तराखंड राज्य में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है राम झूला के पास  में स्थित भूतनाथ मंदिर जो कि स्वर्ग आश्रम के क्षेत्र में आता है यह मंदिर भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है

 यह मंदिर राजाजी नेशनल पार्क के अंदर आता है इस मंदिर के चारों तरफ सुंदरवन एवं प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलता है यह सौंदर्य लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है भूतनाथ मंदिर की बात करें तो यह मंदिर 7 मंजिल ऊंची है

 इसके साथ-साथ इस मंदिर के प्रथम तल में आपको भगवान भोलेनाथ की कथाओं का वर्णन चित्रों के माध्यम से देखने को मिलेगा इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की सवारी नंदी महाराज के साथ समस्त देवी देवताओं और हनुमान जी का चित्रण आपको मंदिर के हर मंजिल में देखने को मिलेगा के जब आप सातवीं मंजिल पर पहुंचेंगे तो आपको वहां शिव जी का मंदिर देखने को मिलेगा

 उसके साथ इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ के विवाह के समय का भूतों की बारात का वर्णन चित्रों के माध्यम से देखने को प्राप्त होगा जब आप भूतनाथ मंदिर के शीर्ष पर पहुंचेंगे तो आपको वहां से चारों तरफ का नजारा देखने को मिलेगा जिसमें ऋषिकेश परमार्थ आश्रम राम झूला और मंदिर के चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य का आप आनंद ले सकते हैं

भूतनाथ मंदिर की पौराणिक कथा [कहानी]

भूतनाथ मंदिर की कथा सतयुग से प्रारंभ होती है जब भगवान शंकर का विवाह माता पार्वती  से हो रहा था उस समय भगवान शंकर जब कैलाश से अपनी बारात लेकर निकले तो बारात में उपस्थित भूत प्रेत गण एवं सभी देवी देवताओं को दक्ष प्रजापति द्वारा इसी स्थान पर ठहराया गया था  भगवान शंकर और उनके बारातियों ने यहीं पर एक रात गुजारी थी उसके बाद भगवान शंकर अपनी बारात लेकर दक्ष प्रजापति के यहां कनखल पहुंचे थे जहां उनका विवाह संपन्न हुआ था भगवान शंकर के यहां एक रात रुकने के कारण एवं सभी देवी देवताओं गणों एवं भूतों  का यहां पर ठहरने  के कारण इसको भूतनाथ मंदिर कहा गया|

 लक्ष्मण झूला

ऋषिकेश से लक्ष्मण झूला की दूरी 8.8 किलोमीटर है वही राम झूला से 5 .3 किलोमीटर है लक्ष्मण झूला 450 फीट लंबा पुल है यह पुल टिहरी जिले में तपोवन को और पौड़ी जिले में जोक गांव को जोड़ता है

 कहा जाता है कि भगवान श्री  राम के भाई लक्ष्मण जी  ने यहीं पर जूट की रस्सी के सहारे गंगा को पार किया था उसके बाद यहाँ पर पुल बनाया गया इस पुल में चलते समय यह पुल हिलने लगता है यह पुल लगभग 90 साल पुराना है|

पटना जलप्रपात

पटना जलप्रपात ऋषिकेश से 13 किलोमीटर की दूरी पर एवं लक्ष्मण झूला से 6 किलोमीटर की दूरी पर पौड़ी में नीलकंठ रोड पर पटना नामक गांव के निचे रोड पर  स्थित है यहाँ पर पर्यटक झरने के निचे नहाने का भरपूर आनंद लेते है 

 पटना जलप्रपात के आसपास चूना पत्थर होने के कारण यहां पर चुना पत्थर की गुफाएं भी हैं पटना जलप्रपात मैं आने के लिए आपको स्थानीय लोगों से पूछना होगा क्योंकि इस जलप्रपात के पास में कोई बोर्ड नजर नहीं आता है

 छोटा गोवा बीच

छोटा गोवा बीच लक्ष्मण झूला से नीलकंठ रोड पर थोड़ा आगे पैदल चलने से गंगा की तरफ देखने पर आपको छोटा गोवा बीच मिलेगा यहां पर पर्यटक गंगा नदी में स्नान करके गंगा किनारे रेत में आराम करते हैं यह छोटा गोवा बीच गर्मियों में नहाने के लिए बहुत सुंदर स्थान है|
इन सभी प्रमुख स्थानों पर कैसे पहुंचे?
बाय ट्रेन 
ट्रेन से आने वाले पर्यटकों के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है यहां से आप रामझूला के लिए टेंपो यहां टैक्सी बुक करा सकते हैं इसके से राम झूला की दूरी 5 किलोमीटर के लगभग है
बाय एयर
सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून जौली ग्रांट हवाई अड्डा है जो लगभग ऋषिकेश  से 22 किलोमीटर की दूरी पर है यहां से टैक्सी किराए पर मिल जाती है जो आपको आराम से ऋषिकेश  पहुंचा सकती है|

 Ram Jhula to Laxman Jhula Map

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