Jhansi Tourist Spot -Uttar Pradesh
JHANSHI KA KILA GWALIOR |
यह शहर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
झाँसी शहर रेल एवं सड़क केन्द्र बिंदु है झाँसी शहर झांसी के किले के चारो तरफ फैला हुआ है,
यह किला शहर के मध्य भाग में स्थित बँगरा नामक पहाड़ी पर स्थित है।
वर्त्तमान में उत्तर प्रदेश का यह शहर झाँसी प्रारम्भ में चन्देल राजाओं का नियंत्रण में था।
उस समय इस जगह को बलवन्त नगर के नाम से जाना जाता था।
झाँसी का वर्चस्व सत्रहवीं शताब्दी में ओरछा के राजा बीर सिंह देव के शासनकाल में अधिक बढ़ा।
उस समय राजा बीर सिंह और उनके उत्तराधिकारियों ने झाँसी में अनेक ऐतिहासिक इमारतों और भवनों का निर्माण कार्य करवाया।
बुन्देलखंड का गढ़ माने जाने वाले झाँसी का इतिहास बहुत ही संघर्षशील रहा है।
1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की अधीनता को स्वीकार नहीं किया और उनके विरूद्ध संघर्ष करना उचित समझा।
महारानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से वीरतापूर्वक लड़ी और अन्त में वीरगति को प्राप्त हुईं। झाँसी नगर के घर-घर में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का इतिहास सुनाया जाता हैं।
हिन्दी की प्रसिद्ध कवियित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने इसे अपनी कविता, झाँसी की रानी, में वर्णन करके उनकी वीरता को बताया है
स समय ओरछा के राजा बीर सिंह देव ने इस किले का निर्माण करवाया था इस किला को 1613 ई॰ में बनवाया गया था।
यह किला बंगरा नामक पहाड़ी पर बना है। इस किले में प्रवेश करने के लिए दस दरवाजे बनाये गए हैं।
इन दरवाजों को अलग -अलग नामों से जाना जाता है जैसे - खन्देरो, दतिया, उन्नाव, झरना, लक्ष्मी, सागर, ओरछा, सैनवर और चाँद।
इस किले में आपको रानी झाँसी गार्डन, शिव मन्दिर, मोती बाई व खुदा बक्श की मजार देखने को मिलेगी। यह किला प्राचीन वैभव और पराक्रम को आज भी दर्शाता है।
रानी लक्ष्मीबाई का यह महल देखने में बहुत सुन्दर है|
इस महल की दीवारों और छतों को अनेक रंगों और चित्रकारियों से बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया गया है।
वर्तमान में इस किले को संग्रहालय बनाया गया है। इस संग्रहालय में किले की प्राचीन वस्तुओ को रखा गया है|
यहाँ पर नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक की प्राचीन मूर्तियों का विस्तृत संग्रह देखने को मिलता है।
इस महल का रख रखाव भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है।
झाँसी किले में स्थित यह संग्रहालय यहां के इतिहास का बोध करता है
इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है।
यह संग्रहालय झाँसी की ऐतिहासिक धरोहर को ही नहीं अपितु सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड के इतिहास को प्रस्तुत करता है।
इस स्थान पर चन्देल शासकों के जीवन से संबंधित अनेक ऐतिहासिक जानकारियाँ हासिल की जा सकती हैं।
महालक्ष्मी का यह मंदिर लगभग 18 वीं शताब्दी में बना था।
यह मन्दिर किले में स्थित लक्ष्मी दरवाजे के निकट स्थित है।
महालक्ष्मी देवी आज भी झाँसी के लोगो की कुलदेवी है और आज भी वहां के लोग महालक्ष्मी जी को कुलदेवी के रूप में पूजते है
लक्ष्मी ताल में महाराजा गंगाधर राव का समाधि स्थल है। 1853 में उनकी मृत्यु के पश्चात् महारानी लक्ष्मीबाई ने इस स्थान पर उनकी याद में यह स्मारक बनवाया है।
भगवान गणेश जी के इस प्राचीन मन्दिर में हर बुधवार को सैकड़ो भक्त दर्शन करने आते है।
Places to Visit in Jhansi
सुकमा-डुकमा बाँध झांसी
यह बाँध झाँसी शहर से लगभग 45 कि॰मी॰ की दुरी पर स्थित है तथा यह बाँध बबीना शहर के पास पड़ता है।
देवगढ् झांसी
झाँसी शहर से लगभग 123 कि॰मी॰ दूरी पर यह शहर ललितपुर के पास पड़ता है।
इस स्थान पर गुप्ता वंश के समय् में निर्मित विश्नु एवं जैन मन्दिर देखे जा सकते हैं।
ओरछा झांसी
यह एक ऐतिहासिक स्थान है इस स्थान को देखने पर्यटक दूर दूर से यहां आते है
यह स्थान सुन्दर मन्दिरो, महलों एवं किलो के लिये जाना जाता है।
खजुराहो झांसी
खजुराहो |
आज भी इस स्थान को चंदेला वंश के राजाओं द्वारा बनवाए गए अपने शृंगारात्मक मन्दिरो के लिए जाना जाता है
यह यहां की ऐतिहासिक प्राचीन प्रसिद्ध मंदिर है।
दतिया झांसी
यह स्थान राजा बीर सिंह द्वारा बनवाये गये सात मन्जिला महल और श्री पीतम्बरा देवी मन्दिर के लिए जाना जाता है।
शिवपुरी झांसी
शिवपुरी ग्वालियर के सिन्धिया राजाओं की ग्रीष्म्कालीन राजधानी हुआ करती थी।
यह शहर सिन्धिया राजाओं द्वारा बनवाए गए संगमरमर के स्मारको के लिये जाना जाता है।
शिवपुरी का माधव राष्ट्रिय उद्यान पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है।
आवागमन
वायु मार्ग
झाँसी से 100 किलोमीटर की दूरी पर ग्वालियर निकटतम एयरपोर्ट है।
यह भारत के सभी प्रमुख एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ है|
रेल मार्ग
झाँसी का रलवे स्टेशन भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
सड़क मार्ग
झाँसी में राष्ट्रीय राजमार्ग 25 और 26 से कई शहरों से यहाँ पहुँचा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसें झाँसी तक अपनी सेवाएं देती है।
Jhansi Map
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