प्रयागराज पर्यटन स्थल
Prayagraj |
वह जगह है जिसे वर्त्तमान में प्रयागराज नाम दिया गया है, प्रयागराज भारत के सबसे अधिक धार्मिक शहरों में से एक माना जाता है।
यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर होने के साथ में ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं को अपने अंदर समेटे हुए है|
जिसके कारण यह स्थान पर्यटकों के लिए हमेशा से ही पसंदीदा रहा है।
भारत का प्रयागराज शहर जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था,
प्रयागराज उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा और यमुना नदी के तट पर स्थित बहुत सुन्दर शहर है।
प्रयागराज भारत के लगभग सभी समुदायों के लिए एक पवित्र एवं आस्था का केंद्र है।
हिंदुओं के लिए यहां पर अनगिनत मंदिर, त्रिवेणी संगम और यहां पर लोगों की अक्षयवत आस्था उन्हें यहां खींच लाती है
प्रयाग में स्नान करने के लिए भी श्रद्धालु अधिक संख्या में यहाँ आते है|
यहां पर खुसरो बाग, मकबरे और कई मस्जिदें भी हैं जिन्हे देखने लोग यहाँ आते है।
प्रयाग शहर कई कारणों की वजह से बहुत मशहूर है, जिनमे गंगा, यमुना और सरस्वती पवित्र स्थल है।
कुंभ मेले में स्नान करने का महत्त्व इलाहाबाद का किला तक, ऐतिहासिक घटनाओ धार्मिक महत्वों एवं शानदार वास्तुकला आदि के लिए प्रयागराज जाना जाता है|
प्रयागराज में घूमने की जगह places to visit in Prayagraj in hindi
आज हम आपको प्रयागराज की 7 सबसे बेहतरीन जगह के बारे में बताने जा रहे है|
ये जगह आपको बहुत पसंद आएगी|
प्रयागराज त्रिवेणी संगम - Triveni Sangam
Prayagraj |
हिंदूधर्म में गंगा, यमुना, सरस्वती, पवित्र नदियों का संगम त्रिवेणी संगम, प्रयाग में स्थित है|
यह स्थान पवित्र एवं धार्मिक आस्था का केंद्र है। यह स्थान प्रयाग में घूमने के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय और पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है,
इस क्षेत्र में हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, और हर छह साल के बाद में अर्ध कुंभ का आयोजन प्रयाग में किया जाता है।
कुम्भ के इन दोनों पर्वों पर पर्यटकों, स्थानीय लोगों,और श्रधालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है।
जहां पर तीनों नदियों का संगम होता है वहां पर श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं, ऐसा माना जाता है कि तीनो नदियों के पवित्र जल को छूने से सभी जन्मों के पाप धुल जाते हैं।
प्रयागराज खुसरो बाग - Khusro Bagh in Prayagraj
लुकरगंज में स्थित खुसरो बाग प्रयागराज के सबसे लोकप्रिय एवं दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक है।
खुसरो बाग की संरचना में आपको मुगल वास्तुकला देखने को मिलेगी। खुसरो बाग में शानदार ढंग से डिजाइन किए गए बलुआ पत्थर से निर्मित तीन मकबरे हैं,
यह बाग अमरूद के पेड़ों और गुलाबों से सजे विस्तृत सुंदर बगीचों से सजा हुआ है।
यह स्थान प्रयागराज में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक प्रसिद्ध जगह है|
प्रयागराज आनंद भवन - Prayagraj Anand Bhavan
प्रयागराज में स्थित आनंद भवन नेहरू-गाँधी परिवार का पूर्व आवास है जो की वर्त्तमान में एक संग्रहालय है।
उस समय मोतीलाल नेहरू ने इस नए भवन का निर्माण करवाया था और अपने पुराने आवास को कांग्रेस के कार्यों हेतु स्थानीय मुख्यालय बना दिया था ,
पुराने आनंद भवन का नाम स्वराज भवन कर दिया गया और इस नए आवास को आनंद भवन के नाम से जाना जाने लगा।
जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी ने 1970 में, इस हवेली को भारत सरकार को दान कर दिया गया था।
तभी से इस जगह का रखरखाव की जिम्मेदारी सरकार पर है।
प्रयागराज किला - Prayagraj Fort
1583 में बना हुआ यह किला वास्तुकला का खूबसूरत नमूना पर्यटकों को शहर के समृद्ध इतिहास की याद दिलाता है|
यह किला प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में स्थित है।
ऐसा कहा जाता है कि मुगल सम्राट अकबर इलाहाबाद की आभा से बहुत प्रभावित हुआ और उसने इस क्षेत्र में एक भव्य किले का निर्माण करने का निर्णय लिया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने प्रयागराज के किले को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया है और पर्यटकों के लिए इस किले के अंदरूनी हिस्से का रखरखाव करता है।
यह स्थान प्रयागराज में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
प्रयागराज जवाहर तारामंडल - Jawahar Planetarium in Prayagraj
जवाहर तारामंडल आनंद भवन के पास में स्थित है 1979 में इस मंडल का निर्माण हुआ था जवाहर तारामंडल विज्ञान और इतिहास का संगम स्थल है। हर वर्ष जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल लेक्चर नामक एक भव्य कार्यक्रम का आयोजिन यहां पर किया जाता है,
इस मंडल में यहां पर आये हुए पर्यटकों के लिए सौर मंडल और अंतरिक्ष से जुड़े कई कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। जब आप प्रयागराज तो यहाँ पर रहते हुए कुछ समय तारामंडल में अवश्य बिताएं। ग्रहों दिशा के बारे में जानने के लिए आप यहां पर कोई भी शो देख सकते है
प्रयागराज अशोक स्तम्भ - Ashok Pillar in Prayagraj
अशोक स्तम्भ गुप्त युग का यह स्तंभ मौर्य सम्राटअशोक द्वारा स्थापित कई स्तंभों में से एक है।
अशोक के धार्मिक प्रचार से कला को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिला।
अपने धर्मलेखों के अंकन के लिए उन्होने ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपियों का उपयोग किया और इसके साथ साथ संपूर्ण देश में व्यापक रूप से लेखनकला का प्रचार हुआ।
ऑल सेंट कैथेड्रल, All Saints Cathedral Church
ऑल सेंट्स कैथेड्रल चर्च |
यह चर्च राज्य के खूबसूरत चर्चों में से एक है ,
यह चर्च पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
कैसे पहुंचें
प्रयागराज गंगा के तट पर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यही कारण है कि यह उत्तर प्रदेश और भारत के सभी शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
Prayagraj Map
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