Best 5 Tourist places in Almora
Ranikhet |
History of Almora अल्मोड़ा का इतिहास
भारत देश के उत्तराखंड राज्य में स्थित अल्मोड़ा जिला स्थित है|
इस नगर की स्थापना राजा कल्याण चंदन ने 1568 ने की थी|
आठवीं एवं नौवीं शताब्दी ईसा पूर्व के समय से यहां के पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव रहते थे कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंद्रवंशीयों की राजधानी अल्मोड़ा हुआ करती थी
यहां के स्थानीय परंपरा के अनुसार अल्मोड़ा के सबसे पहले निवासियों में तिवारीओं का नाम आता है जो कटारमल के सूर्य मंदिर में बर्तनों की सफाई के लिए वनस्पतियों की आपूर्ति किया करते थे|
प्राचीन ग्रंथों में विष्णु पुराण एवं स्कंध पुराण मैं इस क्षेत्र में मानव बस्तियों के होने का वर्णन भी मिलता है जिसमें शक नाग किरात खस और हुन जातियों को सबसे प्राचीन जातियों का श्रेय दिया गया है
महाभारत के युद्ध के पश्चात हस्तिनापुर के राजाओं का शासन भी कुछ समय तक यहां रहा लेकिन उनका अधिकार नाम मात्र ही था|
वास्तविक शासन यहां स्थानीय लोग ही चलाते थे जो प्राचीन लोग थे यह प्रारंभिक आर्यन लोगों से संबंध रखते हैं यह लोग उस समय व्यापक रूप से बिखरे हुए थे|
उन्होंने ही इस क्षेत्र का नाम खस देश या खस मंडल रखा अल्मोड़ा का यह प्राचीन कस्बा अपनी स्थापना से पहले कत्यूरी राजा बेचल देव के अधीन रहा करता था
उस समय राजा ने उस जगह का एक बहुत बड़ा भाग एक गुजराती ब्राह्मण को जो तिवारी थे उसे दान में दे दिया कत्यूरी राजाओं के समय में इस जगह को राजपुर कहा जाता था|
अल्मोड़ा में चंदो के आगमन से पूर्व दो राजा रहा करते थे जो नगर के दोनों छोर पर 2 किलो में रहते थे|
नगर के दक्षिण दिशा में खगमरा नामक किला था जिसमें राजा बैचल्देव का महल था |
कत्यूरी राजाओ ने इस किले का निर्माण किया था|
राजा बैचल्देव का शासन बारामंडल के कुछ इलाकों तक ही रहा वही नगर के उत्तर-पश्चिम में रियला कोट का किला था|
कहा जाता है की इस किले में स्फटिक के किले थे इस किले का खंडहर आज भी विद्यमान है
उसके बाद सन 1744 में रोहिल्ला नेता अली मोहम्मद खान ने इस इलाके में अपनी सेना भेजी और भीमताल के रास्ते से होकर अल्मोड़ा में प्रवेश किया उस समय चंदो की सेना उनका विरोध नहीं कर पाई चंद उस समय बहुत कमजोर एवं अप्रभावी थे|
Almora |
जिसके कारण रोहिल्ला ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया लेकिन वह यहां ज्यादा समय तक नहीं रह पाए यहां के क्षेत्रीय मौसम से परेशान होकर यहां से चले गए अपने साथ जाते समय वह तीन लाख रु हर्जाने के रूप में ले गए और अपनी राजधानी बरेली लौट गए |
सन 1791 में गोरखाओ ने अपने राज्य का विस्तार करने के लिए अल्मोड़ा पर आक्रमण किया और उस पर आसानी से कब्जा भी कर लिया|
उसके परिणाम स्वरूप कुमाऊ साम्राज्य का अंत हो गया एवं राजधानी के तौर पर अल्मोड़ा का महत्व समाप्त हो गया गोरखाओ ने यहां पर 24 साल तक शासन किया गोरखाओ ने काली नदी से अलकनंदा तक सड़क निर्माण का कार्य भी किया जिस समय अल्मोड़ा पर गौरखाओ का शासन था
उस समय अल्मोड़ा में लगभग 1000 घर थे यह कुमाऊ का सबसे बड़ा नगर था बीसवीं शताब्दी तक अल्मोड़ा जिले का मुख्यालय बना रहा|
1800 के बाद तराई के क्षेत्र में गोरखाओं की बार बार घुसपैठ के कारण उस समय भारत के गवर्नर जनरल लार्ड मोइरा ने 1814 में अल्मोड़ा पर हमला करवा दिया|
जिसे एंग्लो गोरखा युद्ध की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है
गोरखाओ ने सितोली के किले से अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा संभाला 26 अप्रैल 1815 को कर्नल निकोलस ने भारी तोपे दागने शुरू कर दी इसके कारण गोरखाओ ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय किया 27 अप्रैल 1815 को अंग्रेजों ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया और पूरे कुमाऊं को अपने अधीन ले आए थे|
30 अप्रैल 1815 को गोरखाओ ने सामान बांधा और समझौते की शर्तों के अनुसार झुलाघाट होते हुए डोटी चले गए|
उसके बाद गार्डन ने 30 मई 1815 को घोषणा करके कहा कि कुमाऊं को ब्रिटिश साम्राज्य से जोड़ दिया गया है|
3 मई 1815 को ही गवर्नर जनरल के आदेश से ई गार्डनर को कुमाऊ का आयुक्त एवं गवर्नर जनरल का एजेंट नियुक्त किया गया था|
उसके बाद 1816 में गोरखाओ ने सुगौली संधि पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार गोरखाओ ने उन सभी प्रदेशों को वापस लोटा दिया था जिन पर उन्होंने कब्जा किया था इस युद्ध के बाद अल्मोड़ा के लाल मंडी किले का नाम फोर्ट मोइरा रखा गया
ट्रेन लिखते हैं कि 1821 में अल्मोड़ा में 3505 की जनसंख्या थी जिसमें महिलाएं पुरुष बच्चे शामिल हैं |
अल्मोड़ा पर जब अंग्रेजों ने विजय प्राप्ति कर ली थी उसके बाद 1839 तक अंग्रेजी सेना के सैनिक और अधिकारी हबलबाग में रहा करते थे|
उसके बाद सेना के कार्यालयों को अल्मोड़ा स्थानांतरित कर दिया गया था और उन्होंने सेना को लोहा घाट और पिथौरागढ़ में तैनात कर दिया इस सेना को ही बाद में कुमाऊ बटालियन कहा जाने लगा
1846 में इस सेना को वापस लाल मांडी के किले में स्थानांतरित कर दिया गया यहाँ रानीखेत छावनी बनने तक सेना तैनात थी|
वही अल्मोड़ा में कुष्ठ रोगियों के लिए इलाज की व्यवस्था श्री रामसे द्वारा की गई थी जिन्होंने 1840 में 20 लोगों की क्षमता वाला कॉटेज गणेश गैर में बनाया था
जो वर्तमान में अस्पताल के पास एक इमारत का अधिग्रहण किया गया और 1851 में इस साल के प्रभारी फरहर बूडन को रखा गया|
जिसमें 31 कुष्ट रोगी थे 1837 में स्थापित अल्मोड़ा का पुलिस स्टेशन पहाड़ियों में स्थित सबसे पुराना पुलिस स्टेशन है यहां पर जेल की स्थापना 1822-22 के आसपास हुई थी|
अल्मोड़ा में एक मिशन स्कूल खोला गया 18 71 में रामसे कॉलेज कर दिया गया लेकिन फिर से दोबारा उसे वापस एक हाई स्कूल में परिवर्तित किया गया|
यह अल्मोड़ा का पहला स्कूल है जिसमें अंग्रेजी शिक्षा शुरू हुई थी वर्ष 18 51 में जिक्र बोर्ड स्थापित किया 1868 में नगर पालिका का गठन किया गया
विक्रम बोर्ड का पहला गैर सरकारी अध्यक्ष 1911 में चुना गया था|
अल्मोड़ा में सर्वप्रथम प्रेस खोलने एवं अखबार प्रकाशित करने का श्रेय पंडित बुद्धि बल्लभ पंत को दिया जाता है|
1871 में इनके द्वारा एक बहस क्लब खोला गया था|
बाद में बुद्धि बल्लभ पंत द्वारा एक प्रेस खोला गया जिसमें साप्ताहिक पत्रिका अल्मोड़ा अखबार प्रकाशित किया गया पहले बुद्धि बल्लभ पंत जी इसके स्वयं संपादक थे
लेकिन उसके बाद उन्होंने यह कार्य मुंशी सदानंद सानवाल को दे दिया इस प्रांत की सबसे पुरानी हिंदी साप्ताहिक अखबार अल्मोड़ा अखबार था|
बीसवीं शताब्दी की शुरुआत तक यहाँ का मुख्यालय अल्मोड़ा जिला बन गया था यहां लंदन मिशनरी और अमेरिकन मेथडिस्ट विपस मिशन का मुख्यालय भी रहा|
1901 में अल्मोड़ा में एक नया अस्पताल स्थापित किया गया यहां पर महिला अस्पताल 1927 में खोला गया|
अल्मोड़ा टाउन स्कूल की स्थापना 1907 में हुई 1932 में शीतलाखेत में एस एस बॉय स्काउट एसोसिएशन के निर्मलवन ग्रीष्मकालीन शिविर खोले गए 1920 में पहली मोटर लोरी अल्मोड़ा सबसे मोटर परिवहन काफी लोकप्रिय हो गया|
1937 अल्मोड़ा से टेलीग्राम भेजने की व्यवस्था शुरू हो गयी थी नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना 1973 में हुई इस विश्वविद्यालय को कैंपस का दर्जा 1994 दिया गया
9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई अल्मोड़ा नए राज्य के रूप में सामने आया 6 सितंबर 2016 को यहां उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई और फिर अप्रैल 2017 में अल्मोड़ा में ही स्थित उदय शंकर राष्ट्रीय संगीत नाट्य अकादमी एवं सरिया जगत सिंह बिष्ट राजकीय होटल मैनेजमेंट स्थान को आवासीय विश्वविद्यालय के अधीन कर दिया गया|
अल्मोड़ा का इतिहास अपने अंदर बहुत पौराणिक एवं ऐतिहासिक घटनाओं के लिए भी जाना जाता है
Best Tourist places in Almora अल्मोड़ा में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल
Ranikhet रानीखेत
अगर आप रानीखेत घूमने का मन बना रहे हैं और यहां पर स्थित पर्यटन स्थल एवं दर्शनीय स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके बारे में हम आपको यहां के आसपास मुख्य पर्यटन स्थल और प्रमुख आकर्षण स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं |
अगर आपको यह जानकारी पसंद आए या अच्छी लगे तो एक बार यहां पर जरूर आना चाहिए इसके साथ-साथ आपको यहां पर घूमने के लिए सुंदर हरे-भरे पहाड़. नदियां. झरने. तीर्थ स्थल. सिद्ध मंदिर एवं सुंदर घाटियों के दर्शन प्राप्त होंगे|
रानीखेत उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित है|
यह अंग्रेजों द्वारा विकसित एक ऐसा हिल स्टेशन है|
जो हिमालय पर्वत की सुंदर पहाड़ियों और घने जंगलों को आपस में जोड़ता है|
रानीखेत में भारतीय सैनिक कोका कुमाऊँ रेजीमेंट के मुख्यालय के नाम से भी प्रसिद्ध है
Best 5 Tourist Places In Ranikhet
Jhula Devi Temple झूला देवी मंदिर
Jhula Devi Temple |
झूला देवी मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी मैं हुआ था झूला देवी का मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है|
यहां पर सुरुचिपूर्ण ढंग से मंदिरों की घंटियों को डिजाइन किया गया है|
इन घंटियों के समूह के कारण भी इस मंदिर को जाना जाता है|
इस मंदिर में जो भी भक्त अपनी श्रद्धा भाव से अपनी मनोकामना को व्यक्त करता है|
उसकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है|
इस मंदिर के समीप राम मंदिर होने के कारण यह स्थान लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है|
यहां पर आने के बाद यहां के शांत वातावरण एवं प्राकृतिक सौंदर्य के बीच मन को शांति मिलती है
Chaubatia Bagh चौबटिया बाग
Chaubatia Bagh |
हिमालय पर्वत की गोद में बसा चौबटिया बाग रानी बाग का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थान है|
इस पर्यटक स्थल में आडू, प्लम, खुबानी, सेव आदि के लिए यह चौपटिया बाग प्रसिद्ध है|
यहां से आपको नंदधुनति , त्रिशूल एवं नीलकंठ की चोटियों के दर्शन प्राप्त होंगे यहां से पर्वत मालाएं बहुत सुंदर एवं मनमोहक लगती है|
इसके साथ-साथ आपको यहां पर थोड़ी दूरी पर स्थित सरकारी एप्पल गार्डन और फ्रूट रिसर्च सेंटर देखने के लिए भी इस जगह को जाना जाता है|
चौपटिया बाग में चारों तरफ सुंदर हरे भरे बाग सुंदर फल फूल देखने को मिलते हैं|
Kalika Temple कालिका मंदिर
Kalika Temple |
रानीखेत हिल स्टेशन से कालिका मंदिर की दूरी 6 किलोमीटर है|
यह मंदिर रानीखेत के पास स्थित बहुत ही प्रमुख पर्यटन स्थल है|
कालिका मंदिर के चारों तरफ सुंदर घने जंगल हरे भरे पेड़ पौधे एवं मंदिर के चारो तरफ की पर्वत मालाएं बर्फ से ढकी हुई है |
इन पर्वत मालाओं को इस स्थान से देखने ये बहुत सुन्दर एवं मनमोहक लगती है गिरा यहां पर पर्यटक गोल्फ कोर्स के लिए ज्यादा आते हैं |
यह स्थान गोल्फ कोर्स के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है
Manila मनीला
Manila |
मनीला शहर रानीखेत के पास स्थित है यह शहर मां मनीला देवी मंदिर के कारण भी जाना जाता है|
यह शहर मनोरम एवं सुंदर दृश्यों के साथ हिमालय पर्वत में बहुत खूबसूरत जगह पर है|
मनीला वह स्थान है जिसको लोकगीतों परंपराओं के लिए भी जाना जाता है|
यहां पर लोग अपनी परंपराओं और विरासत पर अटूट विश्वास रखते हैं|
यहां के सुंदर एवं मनमोहक दृश्य के कारण यह जगह बहुत प्रसिद्ध है एवं यहां का बहुत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है
Dwarahat द्वाराहाट
मनीला शहर रानीखेत के पास स्थित है|
यह शहर मां मनीला देवी मंदिर के कारण भी जाना जाता है|
यह शहर मनोरम एवं सुंदर दृश्यों के साथ हिमालय पर्वत में बहुत खूबसूरत जगह पर है|
मनीला वह स्थान है जिसको लोकगीतों परंपराओं के लिए भी जाना जाता है|
यहां पर लोग अपनी परंपराओं और विरासत पर अटूट विश्वास रखते हैं|
यहां के सुंदर एवं मनमोहक दृश्य के कारण यह जगह बहुत प्रसिद्ध है एवं यहां का बहुत प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है
What is the best time for tourists visiting Ranikhet
जो भी पर्यटक रानीखेत की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं|
उन सभी को यह बता दें कि यहां पर आने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च महीने से और जुलाई महीने के बीच होता है|
यहां पर जुलाई के आखिरी हफ्ते से पहले बारिश होनी प्रारंभ हो जाती है|
यहां पर सर्दियों में बर्फबारी होती है जिसके कारण यहां पर पर्यटकों का बड़ा समूह घूमने के लिए आते रहते हैं
Almora Ranikhet Map
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