Shree Laxmi Narayan Mandir Bareilly
Shree Laxmi Narayan Mandir - Bareilly |
इस मंदिर का निर्माण मुस्लिम व्यवसायी फजलुर्रहमान खां ने करवाया था |
यह एक हिन्दू मन्दिर है इस मंदिर को चुन्ने मियाँ के नाम से ठीक वैसे ही जाना जाता है जैसे की नई दिल्ली में बिरला मन्दिर को जाना जाता है।
चुन्ने मियाँ का श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर -Shri Laxmi Narayan Temple of Chunne Miyan
आज भी इन मंदिरों को स्वतन्त्र भारत में हिन्दू-मुस्लिम एकता का उदाहरण माना जाता है।
श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर बरेली शहर के बड़ा बाजार के पास कोहाड़ापीर क्षेत्र में स्थित है
इस मन्दिर में श्री लक्ष्मीनारायण जी की भव्य मूर्तियाँ स्थापित हैं।
सन 16 मई 1960 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद द्वारा इस मंदिर का विधि विधान से उद्घाटन किया गया था।
यह मंदिर यहां के लोगों का आस्था का केंद्र है इस मंदिर को बहुत ही भव्यता के साथ बनाया गया है|
श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर का इतिहास
श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर के बारे में जानकारी मिलती हे की जब भारत का विभाजन हुआ उसके के बाद बरेली में आकर बसे कुछ हिन्दुओं ने चुन्ने मियाँ के नाम से मशहूर एक मुस्लिम व्यक्ति की जमीन पर पूजा-पाठ के लिये एक छोटा-सा मन्दिर बना लिया था। और उसके पास में ही बुधवारी मस्ज़िद भी थी जिस मस्जिद में मुसलमान नमाज पढ़ा करते थे।
उस समय चुन्ना मियाँ बहुत पैसे वाले थे उनके पास एक शेर छाप बीड़ी की एजेंसी थी। और उनको ये बात अछि नहीं लगी तब उस उन्होंने जमीन पर कब्ज़ा करने वाले हिन्दू शरणार्थियों पर कोर्ट में केस दायर कर दिया था।
कोर्ट में मुकदमा चल ही रहा था की तभी हरिद्वार से आये एक संन्यासी स्वामी हरमिलापी ने आकर फजलुर्रहमान खां साहब को समझाया कि मुस्लिमों के पास तो नमाज पढ़ने के लिए मस्ज़िद है|
परन्तु इन हिन्दुओं के पास तो कुछ भी नहीं है।
आप तो सेठ चुन्ना मियाँ के नाम से बहुत मशहूर हो क्या ये छोटा सा जमीन का टुकड़ा आप अपने इन हिन्दू भाइयों को मंदिर के लिए दान नहीं दे सकते?
ऐसा कहते हैं कि चुन्ना मियाँ उन स्वामीजी की बात से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मुकदमा वापस तो लिया ही और यहां पर लक्ष्मीनारायण भगवान का भव्य मन्दिर भी बनवाकर दे दिया।
वर्त्तमान समय में भी बरेली शहर में आज भी यह मंदिर चुन्ने मियाँ के मन्दिर के नाम से जाना जाता है।
Shree Laxmi Narayan Mandir Bareilly MAP
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