शहीद स्मारक मेरठ- Martyrs Memorial Meerut
Martyrs Memorial - Meerut |
उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ में बना यह शहीद स्मारक सबसे पुराने युद्ध स्मारकों में से एक है।
यह स्मारक Meerut में Westend Road पर स्थित है।
सफेद Marble से बना हुआ यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है और इस स्मारक का निर्माण युद्ध में शहीद हुए भारतीय वीर सिपाहियों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया जाता है।
मुख्य रूप से इस स्मारक का संबंध 1857 की क्रांति से है|
आजादी की पहली लड़ाई की शुरुवात यही से हुई थी।
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवशर पर और गणतंत्र दिवस के दिन अधिक संख्या में देश प्रेमी इस स्मारक पर आते हैं और देश के लिए शहीद होने वाले स्वतंत्रता सैनानियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हैं।
स्वतंत्रता संग्राम 1857 की शुरुआत- Beginning of freedom struggle 1857
भारत में जब भी देश की आजादी की बात होती है तो सबसे पहला नाम मेरठ का ही आता है.
क्योंकि, भारत की आजादी के लिए जो क्रांति की शुरुआत हुई थी वो क्रांति मेरठ से ही प्रारम्भ हुई थी.
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 का उद्गम स्थल आज भी मेरठ मे है जो अपनी मौजूदगी दर्ज करता है
इस स्थान को देखने दूर दराज से लोग यहां आते रहते हैं.
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में जो 85 शहीद हुए थे उन 85 सैनिकों की याद में यहां पर शहीद स्मारक बनाया गया है |
जिन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ आजादी के लिए क्रांति का बिगुल फूंका था.
1857 का विद्रोह -Revolt of 1857
24 अप्रैल 1857 के दिन कारबाइन परेड के समय अंग्रेजी हुकूमत ने एक आदेश जारी किया कि भारतीय सैनिकों को सुअर और गाय की चर्बी लगे हुए कारतूस दिए जाएं जिन्हे इस्तेमाल करने से पहले मुंह से खोलना पड़ता था |
जब भारतीय सैनिकों को इसका पता चला तो उन्होंने आदेश मानने से इनकार कर दिया। और 9 मई 1857 को परेड के दौरान उन्होंने कारतूस चलाने से मना कर दिया।
उसके बाद 85 सैनिकों का Court Martial किया गया ,
उनकी वर्दी उतरवाकर उन्हें बंदीखाने में डाल दिया गया था |
इन भारतीय सैनिकों का यह विरोध ही अंग्रेजों के खिलाफ पहली क्रांति की आवाज बनी थी,
जिस को आज भी 10 मई 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के लिए जाना जाता है और जाना जाता रहेगा .
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