Gorakhnath Temple Gorakhpur - Uttar Pradesh
Gorakhnath Temple Gorakhpur - Uttar Pradesh |
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में गोरखपुर जिला स्थित है|
नेपाल की सीमा के पास गोरखपुर ज़िले में स्थित यह एक प्रसिद्ध नगर गोरखपुर है।
यह जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है।
गोरखपुर शहर का नाम प्रसिद्ध तपस्वी सन्त मत्स्येन्द्रनाथ जी के प्रमुख शिष्य गोरखनाथ जी के नाम पर पड़ा है।
सिद्ध योगी मत्स्येन्द्रनाथ एवं उनके प्रमुख शिष्य गोरक्षनाथ ने मिलकर सन्तों के सम्प्रदाय की स्थापना की थी।
गोरखनाथ मन्दिर के विषय में कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहाँ गोरखनाथ जी द्वारा हठ योग का अभ्यास किया जाता था|
इस अभ्यास के माध्यम से आत्म नियन्त्रण के विकास पर विशेष बल दिया करते थे|
यहां पर बैठकर गोरखनाथ जी कई वर्षो तक एक ही मुद्रा में धूनी रमाये तपस्या किया करते थे।
गोरखनाथ मन्दिर में वर्त्तमान समय में भी वह धूनी अनन्त काल से अनवरत जलती हुई चली आ रही है।
गोरखपुर प्रसिद्ध धार्मिक केन्द्र के रूप में भी जाना जाता है, जो की प्राचीन समय से ही बौद्ध, हिन्दू, मुस्लिम, जैन और सिख सन्तों की साधना एवं तप स्थली रहा है।
मध्य युग के सिद्ध सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ इतने सिद्ध पुरुष थे की उनके नाम से ही इस शहर का नाम गोरखपुर पड़ा।
यहाँ पर स्थित प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर नाथ सम्प्रदाय की सिद्ध पीठ है।
यह स्थान महान सन्त परमहंस योगानन्द जी का जन्म स्थान भी है।
इस शहर में कई अन्य धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल हैं
गोरखपुर में दर्शनीय स्थल - Places to visit in Gorakhpur
उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वांचल में स्थित गोरखपुर पर्यटन क्षेत्र विस्तृत भू-भाग में फैला हुआ है।
इस पर्यटन क्षेत्र के अंतर्गत गोरखपुर- मण्डल, बस्ती-मण्डल एवं आजमगढ़-मण्डल के कई जनपद शामिल है।
यह स्थान पुरातात्विक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, एवं प्राकृतिक धरोहरों को अपने अंदर समेटे हुए है
प्रकृतिक रूप से निर्मित नयनाभिराम पक्षी-विहार एवं अभयारण्यों से परिपूर्ण यह क्षेत्र दिखने में बहुत ही सुन्दर एवं मन को मोहने वाला है|
यह स्थान हर वर्ग के पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र है।
गोरखनाथ मन्दिर
यह स्थान गोरखपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 4 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में स्थित है|
यह सिद्ध पीठ नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक सिद्ध पुरूष श्री मत्स्येन्द्रनाथ के परम शिष्य सिद्ध गुरु गोरखनाथ जी का भव्य मन्दिर स्थित है।
इस स्थान पर हर साल मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 'खिचड़ी-मेला' का आयोजन बड़े ही धूम धाम से होता है,
जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं।
विष्णु मन्दिर गोरखपुर
विष्णु मन्दिर गोरखपुर |
गीताप्रेस गोरखपुर
गीताप्रेस |
विनोद वन गोरखपुर
रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर गोरखपुर-कुशीनगर मार्ग पर आपको विनोद वन देखने को मिलेगा यह वन अत्यन्त सुन्दर एवं मनोहारी छटा से परिपूर्ण मनोरंजन का केन्द्र एवं Picnic Spot है|
यहाँ पर पाए जाने वाले वन्य जिव जन्तुओ में बारहसिंघे, हिरण, अजगर, खरगोश तथा वन्य पशु-पक्षी विचरण करते हुए देखे जा सकते हैं।
इसी वन में प्राचीन बुढ़िया माई का स्थान भी है, जो नववर्ष पर, नवरात्रि पर एवं अन्य शुभ अवसरों पर कई श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करता है।
गीतावाटिका गोरखपुर
गीतावाटिका गोरखपुर-पिपराइच मार्ग पर रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है|
गीतावाटिका में राधा-कृष्ण का बहुत ही सुन्दर एवं भव्य मनमोहक मन्दिर स्थित है।
इस मंदिर की स्थापना प्रसिद्ध समाजसेवी हनुमान प्रसाद पोद्दार द्वारा की गई थी|
रामगढ़ ताल गोरखपुर
यह तालाब गोररखपुर शहर के अन्दर स्थित है यह एक विशाल तालाब (ताल) है।
यह ताल रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है जो की 1700 एकड़ के विस्तृत भू-भाग में फैला हुआ है।
इसका परिमाप लगभग १८ किमी के आस पास है।
यह ताल पर्यटकों के लिए अत्यन्त आकर्षक का केन्द्र बना रहता है।
इस ताल पर जल-क्रीड़ा केन्द्र, नौकाविहार, बौद्ध संग्रहालय, तारा मण्डल, चम्पादेवी पार्क एवं अम्बेडकर उद्यान आदि दर्शनीय स्थल आपको देखने को मिलेंगे आपको यहाँ घूमने में बहुत आनंद आएगा हैं।
इमामबाड़ा गोरखपुर
गोरखपुर नगर के बिच में रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
इस इमामबाड़ा का निर्माण हज़रत बाबा रोशन अलीशाह की अनुमति से सन् 1717 ई० में नवाब आसफुद्दौला ने पूरा करवाया था।
उसी समय से इस स्थान पर दो बहुमूल्य ताजियां रखी हुई है जिनमे एक स्वर्ण और दूसरा चांदी का है। इसी स्थान से मुहर्रम का जुलूस निकलता है।
प्राचीन महादेव झारखंडी मन्दिर गोरखपुर
महादेव जी का यह मंदिर एक सिद्ध मंदिर है|
झारखंडी मंदिर गोरखपुर शहर से देवरिया मार्ग पर शहर से लगभग4 किलोमीटर की दुरी पर यह प्राचीन शिव स्थल रामगढ़ ताल के पूर्वी भाग में स्थित है।
यहां श्रद्धालु शिव के दर्शन करने जरूर जाते है|
मुंशी प्रेमचन्द उद्यान गोरखपुर
यह उद्यान गोरखपुर नगर के मध्य में रेलवे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
इस मनोरम उद्यान का नाम प्रख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द जी के नाम पर रखा गया है।
इस उद्यान में प्रेमचन्द्र के साहित्य से सम्बन्धित एक विशाल पुस्तकालय बना हुआ है जो की पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है|
यह उन दिनों की याद दिलाता है जिस समय मुंशी प्रेमचन्द गोरखपुर में एक शिक्षक थे।
सूर्यकुण्ड मन्दिर गोरखपुर
यह मंदिर गोरखपुर नगर के रेलवे स्टेशन से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
ताल के मध्य में स्थित यह मंदिर पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र है|
इस स्थान में के बारे में कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने यहाँ पर विश्राम किया था और इसी स्थान पर भव्य सुर्यकुण्ड मन्दिर निर्माण।
यह मंदिर लगभग10 एकड में फैला हुआ है।यह मंदिर प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है
Gorakhpur Map
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