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Best Tourist Places In Champawat | Pancheshwar Champawat

Best Tourist Places In Champawat

Best Tourist Places In Champawat
Champawat

Poornagiri Temple पूर्णागिरि मंदिर 

उत्तराखंड राज्य के चंपावत जिले में पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर में स्थित है जो कि अन्नपूर्णा शिखर पर 5500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है यह मंदिर माता की 108 सिद्ध पीठों में से एक है यह मंदिर महाकाली को समर्पित है यहां की मान्यता है कि यहां पर दक्ष प्रजापति की पुत्री और शिव की अर्धांगिनी सती की नाभि का भाग इस स्थान पर गिरा था हर साल इस सिद्ध पीठ की यात्रा करने श्रद्धालु यहां आते रहते हैं

 यह टनकपुर से 17 किलोमीटर की दूरी पर है इसके बगल में ही नेपाल पड़ता है चंपावत से पूर्णागिरी मंदिर की दूरी 92 किलोमीटर है नवरात्रों में यहां पर भक्त अधिक संख्या में आते हैं वायु मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एवं पर्यटकों के लिए यहां का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर मैं है| 

Meetha Reetha Shahib मीठा रीठा साहिब

Best Tourist Places In Champawat
मीठा रीठा साहिब टनकपुर से 166 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कहा जाता है कि यहां पर गुरु नानक देव और नाथ योगी का आपस में संवाद हुआ था जिसे उन्होंने मानवतावादी सेवा के मार्ग में सक्रिय रुप से लाने एवं भगवान का नाम स्मरण करवाया

 यह कहानी जन्मसखियों में उल्लेखनीय नहीं है परंतु यहां के स्थानीय स्तर पर एक विश्वास है कि गुरु नानक देव जी ने यहां पर रीठे के फलों को अपनी शक्ति के माध्यम से रीठे के फलों को मीठा में परिवर्तित कर दिया था क्योंकि रीठे के फल बहुत तीखे होते हैं यहां पर जो भी तीर्थयात्री आते हैं

 उन सभी को प्रसाद के रूप में रीठे का रस दिया जाता है गुरुद्वारे से 10 किलोमीटर की दूरी पर नानक बगीचा है यहां पर यह फल उगाए जाते हैं और फिर उन्हीं को एकत्रित करके  उनका रस निकला जाता है यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है 

Pancheshwar Mahadev Temple पंचेश्वर महादेव मंदिर

Pancheshwar Champawat
Pancheshwar Champawat
अब आपको पंचेश्वर महादेव मंदिर के बारे में जानकारी देते हैं पंचेश्वर महादेव मंदिर चंपावत जिले के लोहाघाट से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर काली एवं सरयू  नदी के संगम पर स्थित है इस मंदिर में श्रद्धालु अधिकतर चैत्र महीने एवं नवरात्रि महीने में ज्यादा आते हैं यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है

 इस मंदिर में भगवान शिव की बहुत सुंदर मूर्ति है यहां पर नदी के संगम में स्नान इत्यादि करने श्रद्धालु आते रहते हैं पंचेश्वर मंदिर के चारों तरफ सुंदरवन है यहां के लोग इस मंदिर में भगवान शिव को भेंट के रूप में घंटियाँ एवं दूध अर्पित करते हैं यह स्थान नदी के किनारे होने के कारण यहां पर रिवर राफ्टिंग करने पर्यटक आते रहते हैं यहां पर यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर के बीच का है

 यहां के स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां पर भगवान शिव ने गांव के पशुओं की रक्षा की थी यहां के लोग पंचेश्वर महादेव को श्रद्धा भक्ति से पूजते हैं 

Adiguru Gorakhnath's fumigation आदिगुरु गोरखनाथ की धूनी

 चंपावत से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर आदि गुरु गोरखनाथ की धूनी स्थित है कहा जाता है कि यह धुनि सतयुग से लगातार प्रज्वलित है चनामक स्थान से डेढ़ किलोमीटर की दूरी  पैदल चलने के बाद इस स्थान पर पहुंचा जा सकता है यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य एवं सुन्दर हरे भरे पहाड़ देखने को मिलेंगे 

Banashur fort बाणासुर का किला 

बाणासुर के किले को यहां के स्थानीय लोग बाणाकोट भी कहते हैं चंपावत जिले के लोहाघाट नगर से लगभग यहां की दूरी 6 किलोमीटर है कर्णकरायत नामक स्थान से 1 किलोमीटर ऊपर पहाड़ की चढ़ाई करने के बाद पहाड़ की चोटी पर यह किला स्थित है

कहा जाता है कि यह किला  बाणासुर ने अपने लिए बनाया था जब भगवान विष्णु बाणासुर का वध करने के लिए गए तो भगवान विष्णु बाणासुर का वध करने में असमर्थ रहे उसके बाद महाकाली ने प्रकट होकर बाणासुर का वध किया था कहा जाता है कि लोहा नदी उसी दैत्य के लहू से निकली थी इसी कारण वहां की मिट्टी लाल एवं काली है

इस किले की विशेषता है कि यहां से चारों तरफ का नजारा बिल्कुल साफ साफ दिखाई देता है यहां पर पर्यटन विभाग द्वारा एक दूरबीन भी लगाया गया है जिससे यहां से चारों तरफ के दृश्य और सुंदर दिखते हैं यह किला भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है किले के पूर्व की दिशा और उत्तर की दिशा में हिमालय पर्वत की सुंदर श्रृंखलाएं दिखाई देती है पर्यटकों के लिए यह स्थान घूमने के लिए बहुत सुन्दर है  

Poornagiri Temple Map

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